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हरियाणा में लगा वीकेंड लॉकडाउन, जानिये कौन-कौन से जिले रहेंगे बंद और कब तक ?

हर दिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हरियाणा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन विजय वर्धन ने हरियाणा के नौ जिलों में वीकेंड लॉकडाउन लगा दिया है जिनमें फरीदाबाद, गुरुग्राम, पंचकूला, रोहतक, हिसार, सोनीपत, करनाल, फतेहाबाद और सिरसा शामिल हैं. इन जिलों में 30 अप्रैल यानी आज रात दस बजे से लॉकडाउन लगेगा और सोमवार तीन मई की सुबह पांच बजे तक जारी रहेगा.

इसके अलावा विजय वर्धन ने कहा कि- 31 मई तक सभी आंगनबाड़ी, सरकारी-गैर सरकारी कालेज, लाइब्रेरी, कोचिंग संस्थान, आईटीआई,  प्रशिक्षण संस्थान बंद रहेंगे और महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि प्रदेश भर के सभी 25 हजार 962 आंगनबाड़ी केंद्र व सभी शिशु गृहों को 31 मई तक बंद रखने को मंजूरी दी है जिससे इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं द्वारा नौनिहालों, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं, किशोरियों को लाभ देना सुनिश्चित करेंगी.

बताते चलें, हरियाणा बिजली वितरण निगम ने क्षेत्रीय कार्यालयों को सैनिटाइज करने का निर्णय लिया है जिस कारण शुक्रवार से रविवार तक सभी कार्यालय बंद रहेंगे लेकिन, आवश्यक कार्य के लिए ऑनलाइन या सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात रखी जाएगी, और फिर सोमवार को सभी कार्यालय खोल दिए जाएंगे.









अवैध असलहा रखने वाले आरोपी को क्राइम ब्रांच सेन्ट्रल ने देसी कट्टा सहित किया गिरफ्तार

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फरीदाबाद, 6 अप्रैल 2021: शहर में अवैध हथियार रखने वाले अपराधियों को सलाखों के पिछे भेजने के लिए पुलिस कमिश्नर श्री ओपी सिंह ने सभी क्राइम ब्रांच को आदेश जारी किए हुए है जिसके तहत क्राइम ब्रांच सेन्ट्रल ने नाजायज असला रखने वाले एक आरोपी को देसी कट्टा सहित दबोचा है।

क्राइम ब्रांच टीम ने बताया कि आरोपी की पहचान आकाश निवासी शोकना हाथरस उत्तर प्रदेश हाल निवासी राजीव कॉलोनी सेक्टर-56 फरीदाबाद के रुप में हुई है।

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह मजदूरी का काम करता है। आरोपी अपने शौक के लिए व दोस्तो में रोब जमाने के लिए किसी अनजान व्यक्ति से देसी कट्टा खरीद कर लाया था।

क्राइम ब्रांच टीम ने बताया कि आरोपी को थाना सैन्ट्रल फरीदाबाद के एरिया से गिरफ्तार कर अवैध हथियार कि धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

तलाशी के दौरान आरोपी से मौका पर एक देसी कट्टा बरामद कर ली गई है। आरोपी को आज पुलिस टीम ने न्यायालय में पेश कर कारागृह भेजा गया है।

फरीदाबाद में तीज की धूम

फरीदाबाद 24 जुलाई। खजानी वूमेन्स वौकेशनल इंस्टीटियूट दुर्गा इन्कलेव सेहतपुर सेँटन में तीज का त्यौहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम में संस्थान की छात्राओं ने फोक डांस, मेहन्दी प्रतियोगिता, नेल आर्ट,  आर्ट एण्ड क्रा ट आदि आयोजनो में भाग लिया। इस मौके पर सेन्टर की हैड ने बताया कि इसी सेंटर ने गत वर्ष अखिल भारतीय अंतर खजानी फैशन शो जो कि 25 जुलाई 2016 को तालकटोरा स्टेडियम में हुआ था वहां प्रथम स्थान प्राप्त किया।

विगत वर्ष में सेहतपुर सेंटर छात्राओं का मनपंसद का इस्टीटयूट बन गया है जहां फेशन डिजाईनिंग, आर्अ एण्ड क्राफट, कटिंग एण्ड टेलरिंग, ब्यूटी पार्लर, क पयूटर आदि ऐसे कोर्स कराये ेजाते है जो कि नवीन भारत के कौशल विकास की नीव के लिए मील का पत्थर बनने जा रहे है। 

बारिश के बाद बेहाल हो गया फरीदाबाद, घंटों जाम में फंसे लोग, देखें वीडियो

Heavy rain causes traffic jams across Faridabad
फरीदाबाद: फरीदाबाद में आज  सुबह हुई  बारिश के कारण नेशनल हाइवें 2 फरीदाबाद से दिल्ली व दिल्ली से फरीदाबाद जाने वालें रास्तें में जगह -जगह जबरदस्त जाम हो गया। इस जाम में कई घंटों से वाहन फंसे गए एक वीडियो में आप देख सकते है कि जाम को खुलवानें वाला कोई नहीं हैं। काफी मशक्कत के बाद शहर के कई हिस्से का ये वीडियो बनाया गया है क्यू जगह जगह जाम और जलभराव से हमें भी जूझना पड़ा। 

वीडियो में  फरीदाबाद से दिल्ली की तरफ जाती हैं और दूसरी तस्वीर  दिल्ली से फरीदाबाद की ओर जाने वाले रास्तें की हैं और तीसरी तस्वीर  बड़खल मोड़ नेशनल हाइवें 2 की  हैं। लोग जाम से बेहाल दिखे देखें वीडियो 

एशियन अस्पताल के डॉक्टरों ने पिनमैन के गले से 90 कीलें व सुईयां बचाई उसकी जान

Asian Institute of Medical Sciences Faridabad
नई दिल्ली:  राजस्थान के बूंदी निवासी 56 वर्षीय बद्रीलाल को तकरीबन चार महीने पहले पैरों में अचानक घाव होने लगे। देखते ही देखते ये घाव बढ़ते गए और उन्होंने स्थानीय अस्पताल में डॉक्टरों को दिखाया। पैरों के एक्स-रे के बाद एक चौंकाने वाला सच सामने आया कि बद्री लाल के पूरे पैरों में सुईयां हैं। यह देखकर डॉक्टरों ने उसके पूरे शरीर का एक्स-रे कराने की सलाह दी। एक्स-रे की रिपोर्ट से शरीर के अन्य भागों में भी कीलें व सुईयां मौजूद होने की पुष्टि हुई। 
रेलवे में पानी सप्लाई का काम करने वाले बद्री लाल का कहना है कि उनके शरीर में ये सुईयां कहां से आईं उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। डायबिटीज होने के कारण उनके पैरों के घाव दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे थे। बद्री को अस्पताल के डॉक्टरों ने मुंबई के नामी-गिरामी अस्पताल में जाने की सलाह दी। वहां के डॉक्टरों ने कुछ दिन भर्ती करने बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी। डॉक्टरों का कहना था कि उनकी यह सुईयां शरीर की ऐसी कोशिकाओं तक पहुंची हुई थीं, जिन्हें निकालने से उनकी जान जा सकती थी  और उन्हें वापिस दिल्ली के सेंट्रल अस्पताल रैफर कर दिया। परंतु वहां के डॉक्टरों ने भी जान का जोखिम देखते हुए उनका ऑपरेशन करने से मना कर दिया और साथ ही फरीदाबाद स्थित एशियन अस्पताल जाने की सलाह दी। 

इन चार महीनों के दौरान बद्रीलाल की हालत दिन प्रतिदिन गंभीर होने लगी। इस दौरान उनका ३० किलो वजन भी कम हो गया। कीलें व सुईयां उनके गले और सांस की नली तक पहुंच चुकी थीं। बद्री लाल को 24 जून को अस्पताल में भर्ती किया गया। सीटी स्कैन और एंडोस्कोपी के दौरान उनके शरीर में 150 से भी अधिक कीलें होने की पुष्टि हुई। एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेका अस्पताल के ईएनटी विभाग के डायरेक्टर डॉ. ललित मोहन पाराशर ने बताया कि बद्री के शरीर में इतनी सारी कीलें देखकर हम हैरान थे। हमारे सामने चुनौती थी कि किस तरह इन कीलों, सुईयों व पिनों को उनके शरीर से निकाला जाए, क्योंकि कुछ कीलों ने उनके शरीर की मुख्य नाडिय़ों जैसे श्वांस नली, खाने की नली, ईसोफेगस, दिमाग को खून पहुंचाने वाली मुख्य नाड़ी दकैरोटिड आर्टरी) को भेदा हुआ था। हमने डॉक्टरों की एक टीम बनाई जिसमें ईएनटी विभाग, हृदय विभाग, जनरल सर्जन व एनेस्थीसिस्ट शामिल थे। 

6 घंटे तक चली इस सर्जरी के दौरान  बद्री के गले की गहन कोशिकाओं व नलियों से 90 कीलें व सुईयां निकालीं। इस दौरान हमें कुछ विशेष बातों का ख्याल रखना पड़ा। सिर को खून पहुंचाने वाली मुख्य नाड़ी व बोलने वाली नाड़ी में फंसी हुई कीलें व सुईयां  मरीज को पूरी जिंदगी के लिए अपंग बना सकती थीं।
एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेका अस्पताल के कार्डियोवस्कुलर सर्जन डॉ. आदिल रिज़वी ने बताया कि हमारे गले का हिस्सा बहुत ही जटिल होता है जिसमें कई प्रकार की नसें पूरे शरीर का संपर्क दिमाग से जोड़ती हैं। इन नसों में किसी भी प्रकार की रुकावट होने पर मरीज की तुरंत मृत्यु हो सकती है। हमें इन नसों की बिना आघात पहुंचाए, कीलों व सुईयों को बाहर निकालना था।  हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती मरीज को बेहोश करने की थी। ट्रैक्योस्टोमी तकनीक का सहारा लेकर मरीज को बेहोश किया गया और एक-एक करके कीलों व सुईयों को बाहर निकाला गया।
ईएनटी विभाग के कंसलटेंट डॉ. स्वपनिल ब्रजपुरिया ने बताया कि मरीज के शरीर में ये कीलें व सुईयां 6 महीने से भी अधिक समय से मौजूद थीं, जिसके कारण कुछ कीलों में जंग भी लगी हुई थी। मरीज की हालत नाजुक थी, क्योंकि खाने की नली में कीलें व सुईयां होने के कारण वह लंबे समय से खाना भी नहीं खा पा रहा था। डायबिटिक होने के कारण इंफेक्शन का खतरा भी दोगुना हो गया था। 
एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेका अस्पताल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ.एनके पांडे का कहना है
 कि हमारे अस्पताल में अक्सर चुनौतीपूर्ण केसिस आते रहते हैं, लेकिन इस तरह का मामला पहली बार सामने आया है, जिसमें विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए थे, लेकिन हमारे अस्पताल के डॉक्टरों ने इस चुनौती को स्वीकार किया और एक टीम बनाकर इस केस पर गहन अध्ययन करने के बाद सर्जरी की और इसमें सफलता भी हंासिल की। भारत में इस प्रकार की सर्जरी पहली बार हुई है और इस सर्जरी के लिए अस्पताल का नाम रिप्लेस बिलीव इट और नॉट और लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए केस हिस्ट्री भी भेजी जाएगी।
बद्रीलाल के पुत्र राजेंद्र मीणा ने बताया कि मेरे पिताजी को 10 महीने से परेशानी हो रही थी, लेकिन कारण पता नहीं होने के कारण हम इलाज कराने में असमर्थ थे। पिछले चार महीनों में उनकी पीड़ा इतनी बढ़ गई कि वह खाना भी नहीं खा पा रहे थे और बोलने में भी तकलीफ हो रही थी। ऑपरेशन के बाद उनकी तकलीफ कम हो गई है। मैं अस्पताल के डॉक्टरों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होने मेरे पिता की जान बचाई है।

फरीदाबाद में बाढ़ का खतरा देख DC ने दिलवाया गोताखोरों को प्रशिक्षण

Flood threat in Faridabad
फरीदाबाद 3 जुलाई। ( पहली तस्वीर फरीदाबाद में कल की बारिश के जलभराव की ) उपायुक्त समीरपाल सरो के आदेशानुसार तथा जिला राजस्व अधिकारी पी.डी. शर्मा के दिशा-निर्देशानुसार आपदा प्रबन्धन विषय विशेषज्ञ डा. एम.पी. सिंह ने बाढ़ सुरक्षा सप्ताह के तहत खेल परिसर सैक्टर-12 स्थित स्वीमिंग पूल में गोताखोरों को प्रशिक्षण दिया। इसमें नायब सदर कानूनगो यशवन्त सिंह व रिसर्च आफिसर अंकिता प्रसून का अह्म योगदान रहा। पी.डी. शर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम जिला प्रशासन व आपदा प्रबन्धन केन्द्र हिपा गुरूग्राम के माध्यम से शहर के विभिन्न स्थानों पर करवाया जा रहा है। जिसमें मास्टर ट्रेनर एम.पी. सिंह ने कहा कि तैराकों को कभी डूबने वाले के आगे से नहीं आना चाहिए बल्कि पीछे से धक्का देकर बाहर निकालना चाहिए। 

बाढ़ के दौरान अनेकों प्रकार के सांप सामने आ जाते हैं उनसे डरना नहीं चाहिए क्योंकि पानी की लहरों से उनका जहर खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि बिना समय गंवाये अतिशीघ्र राहत कार्य करना चािहए क्योंकि जीवन अनमोल होता है। यदि किसी भी प्रकार का खतरा तैराक को लगता है तो उसे लाइफ जाकेट का प्रयोग कर लेना चाहिए और ओवर कॉन्फिडैंस में नहीं रहना चाहिए। 

  जिला राजस्व अधिकारी ने बताया कि उपायुक्त समीरपाल सरो चाहते हैं कि जिले में किसी भी प्रकार का हादसा न हो इसलिए बाढ़ से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए पूर्व तैयारी की जा रही है। श्री शर्मा ने बताया कि इस कार्य के लिए स्वयं उन्हें नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिसमें डा. एम.पी. सिंह बतौर मास्टर ट्रेनर अपनी सेवाएं देकर लोगों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। आज एम.पी. सिंह ने स्वीमिंग पूल में अनट्रेंड बच्चे को डुबोया और गोताखोरों ने अतिशीघ्र उसको सुरक्षित निकाला। इस अवसर पर एम.पी. सिंह ने डूबे व्यक्ति को पानी से बाहर निकालने के तरीके प्रैक्टिकल करके बताये और उसके जीवन को बचाने की पूर्ण जानकारी दी। इसके अलावा सभी प्रतिभागियों से भी प्रैक्टिकल करवाये गए। इस अवसर पर मंझावली के सरपंच राजेश, शाहजहांपुर व छायंसा के सरपंच भी मौजूद थे।